From Zero To Millionaire : आज के समय में जब हर कोई फाइनेंशियल फ्रीडम चाहता है, “From Zero to Millionaire” किताब लेखक निकोलस बेरुबे की एक बेहतरीन गाइड साबित होती है। यह किताब दिखाती है कि अमीर बनने के लिए जुआ खेलने की नहीं, बल्कि समझदारी, धैर्य और सही निवेश रणनीतियों की जरूरत होती है।
इस लेख में हम आपको इस बुक के बारे में संपूर्ण समरी लिखी है और ये बुक आपको फ्री में प्रोवाइड की है इस लिए आपको किस भी जगह इस बुक को ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।
शुरुआत में की गई गलती: तेजी से अमीर बनने की चाहत
निकोलस की कहानी एक आम इंसान जैसी है जिसने 2010 में $10,000 लगाकर बाजार गिरने पर मुनाफा कमाने की उम्मीद की थी। उन्होंने पुट ऑप्शन्स खरीदे, लेकिन बाजार उनकी उम्मीदों के उलट तेजी से ऊपर चला गया। नतीजतन, उन्होंने अपनी पूरी रकम लगभग खो दी। यहीं से उन्होंने निवेश की दुनिया को गंभीरता से समझना शुरू किया । इस से हमें ये सीख मिलती है कि हमें किसी भी जगह बिना सोच समझे निवेश नहीं करना चाहिए ।
शेयर बाजार कोई जुआघर नहीं | From zero to millionaire
लेखक यह स्पष्ट करते हैं कि शेयर बाजार जुए या शॉर्टकट्स से पैसा कमाने की जगह नहीं है। बाजार लंबे समय में अच्छा रिटर्न देता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है सही सोच और सही रणनीति।
उदाहरण के तौर पर, एक अमेरिकी इंडेक्स S&P 500 ने पिछले कई दशकों में लगभग 12% सालाना रिटर्न दिया है। $1,000 की निवेश राशि कुछ ही दशकों में लाखों में बदल सकती है—बशर्ते आप धैर्य और समझदारी से निवेश करें।
दुर्लभ रत्न (Rare Pearl) की तलाश की भूल
किताब का एक अहम संदेश है कि हम में से अधिकतर इन्वेस्टर शेयर बाजार में ‘अगला Apple’ या ‘अगला Tesla’ खोजने की कोशिश करते हैं। लेकिन ऐसी सोच से ज्यादातर बार घाटा ही होता है। लेख में बताया गया है कि ज्यादातर प्रोफेशनल निवेशक भी बाजार को लंबे समय में मात नहीं दे पाते।
सिर्फ 4% कंपनियां ही बाजार के ज्यादातर लाभ के लिए जिम्मेदार होती हैं। बाकी 96% कंपनियों में निवेश करने वालों को औसतन नुकसान ही होता है या बेहद कम लाभ मिलता है ।
इंडेक्स फंड्स: साधारण निवेश, शानदार लाभ
किताब में सबसे बड़ा सुझाव है कि अगर आप शेयर बाजार में नए हैं या बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं करना चाहते, तो इंडेक्स फंड्स और ETFs (Exchange Traded Funds) सबसे सही विकल्प हैं । ये फंड्स पूरे बाजार को कवर करते हैं, जिससे रिस्क कम होता है और रिटर्न स्थिर रहता है ।
S&P 500 जैसे इंडेक्स में निवेश करने से निवेशक बड़ी-बड़ी कंपनियों का हिस्सा बनते हैं – बिना यह चुने कि कौन सी कंपनी अच्छा प्रदर्शन करेगी।
फीस का फंदा: जानिए कहां और कितना जा रहा है
बहुत से इन्वेस्टर अपने पैसे म्यूचुअल फंड्स में लगाते हैं, जो 1% से 2% तक का चार्ज करते हैं। यह चार्ज छोटा लगता है, लेकिन लंबे समय में आपके मुनाफे का बड़ा हिस्सा खा जाता है।
वहीं इंडेक्स फंड्स या ETFs की फीस 0.03% तक हो सकती है। फर्क छोटा दिखता है, लेकिन 30-40 साल में यह लाखों रुपये का हो सकता है।
निवेश एक आदत है, इमरजेंसी का नहीं
लेखक मानते हैं कि निवेश एक इमरजेंसी का उपाय नहीं बल्कि एक जीवनशैली है। यह आपकी जिंदगी में आजादी लाता है—चाहे वह यात्रा करना हो, बिना लोन के घर खरीदना, या अपनी मर्जी का करियर चुनना हो।
सही समय अभी है
किताब यह भी सिखाती है कि निवेश करने का सही समय “बाद में” नहीं, बल्कि “अभी” है। अगर कोई 20 साल की उम्र में ₹100 रोज़ निवेश करे और 11.8% सालाना रिटर्न पाए, तो वह 65 की उम्र तक करोड़ों रुपए का मालिक बन सकता है ।
निष्कर्ष: आसान लेकिन असरदार निवेश
“From Zero to Millionaire” कोई जटिल फाइनेंस बुक नहीं, बल्कि एक प्रेरणात्मक और व्यावहारिक गाइड है। यह उन सबके लिए है जो सोचते हैं कि निवेश करना मुश्किल है, रिस्की है या बहुत ज्ञान की जरूरत होती है।
यदि आप चाहें तो इस किताब की मदद से एक साधारण निवेशक से करोड़पति बनने की यात्रा शुरू कर सकते हैं—बस धैर्य, समझ और सही जानकारी के साथ।

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