The Psychology Of Money Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको ध साइकोलॉजी ऑफ मनी हिन्दी बुक को फ्री में प्रोवाइड करने वाले है। बहुत सारे लोगो का सपना होता है कि वह अपने जीवन में अच्छी-अच्छी बुक्स पढ़े, मगर ज्यादातर लोगों के पास बुक्स होती ही नहीं है इसलिए वो बुक्स को नहीं पढ़ पाते है। मगर हमारी यह वेबसाइट आपके जीवन में काम आने वाली बुक्स फ्री में प्रोवाइड कराती है। इस लेख में आपको फ्री में The Psychology Of Money Hindi बुक की पीडीएफ देने वाले है। यहां से आप इस बुक को आसानी से फ्री में पढ़ सकते हो।
The Psychology Of Money Hindi: पैसे का मनोविज्ञान हमें बताती है कि इंसान और पैसे के बीच जटिल संबंध होता है इसके कारण कई बार पैसे के मामले में हम अपनी समझ से काम लेने की जगह अपनी भावनाओं को हावी हो जाते हैं और तर्कहीन तरीके से सोचने और काम करने लगते हैं इसी मानव आचरण का विश्लेषण देते हुए लेखक ने हमारी सोच को बेहतर बनाने का प्रयास किया है इस लेख में हम इस किताब में दिए गए कुछ विचारों पर चर्चा करेंगे
मनी बिजनेस फाइनेंस से जुड़ी किताब एक्शन लोग इसलिए पढ़ने से बचते हैं क्योंकि वह काफी जटिल भाषाओं में लिखी होती है मगर साइकोलॉजी आफ मनी में लेखक ने बड़ी आसान भाषाओं में समझाया है की किताब में 19 छोटी-छोटी कहानियों के जरिए मनी से जुड़ी बड़ी बातों को समझाया गया है।
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मॉर्गन हाउस सेल एक अवॉर्ड विनिंग ऑथर लेखक और संकर है उन्होंने अपनी किताब साइकोलॉजी आफ मनी में रूपए पैसे के पीछे साइकोलॉजी का कनेक्शन बताया है अगर आप पैसे को लेकर कुछ जमीन चीज सीखना और समझना चाहते हैं तो आप इस किताब को बेशक पढ़ सकते हैं।
The Psychology Of Money Hindi किताब की मुख्यबातें
सबसे अच्छी बात मानी बिजनेस फाइनेंस जुड़ी किताबें अक्सर लोग इसलिए पढ़ने से बचते हैं क्योंकि वह काफी जटिल भाषा में लिखी होती है मगर साइकोलॉजी आफ मनी में लेखक ने बड़ी आसान भाषा में समझाया है किताब में 19 छोटी-छोटी कहानियों के जरिए मनी से जुड़ी कई बड़ी बातों को समझाया है नीचे इस किताब से मिलने वाले कुछ अज्ञात प्रमुख बातों को जिक्र करने जा रहा है
पैसा नहीं उसे लेकर आपका रवैया मायने रखता है
मॉर्गन एक कहानी में बताते हैं कि कैसे एक अमेरिकी सफाई कर्मी स्मार्ट इन्वेस्टिंग के जरिए करोड़पति बन जाता है वहीं दूसरी तरफ एक मोटी सैलेरी कमाने वाला कंपनी का सीईओ अपने गलत रवैया की वजह से बैंकटरप्ट हो जाता है
हर किसी के लिए पैसे मायने अलग होते हैं
कुछ लोगों के लिए उनके पास रहने को घर नहीं है उनके लिए मिनिमम वेज भी बहुत बड़ी रकम होती है वहीं दूसरी तरफ किसी कंपनी के एक्जीक्यूटिव या अधिकार 1 लाख डॉलर की सैलरी पर भी ना खुश रह सकते हैं कुल मिलाकर आप कितना ज्यादा पैसा कमा रहे हैं यह आपकी खुशी नहीं देख पाता बल्कि आप किस माहौल कि परिवेश से आ रहे हैं उसे पर निर्भर करताहै
कितना पैसा काफी होता है?
हम सभी को लगता है कि हम पैसे के लिए काम करते हैं जिस दिन काम पर पैसा मिल जाएगा काम करना बंद कर देंगे लेखक एक नई चल साथ बनी मर्डर जिसने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पूंजी स्कीम चलाई इसका उदाहरण देकर समझते हैं कि ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है
सच यह है की मर्डर पहले से ही एक बड़े और सफल बिजनेसमैन थे मगर इसके बाद भी उन्होंने धोखे से पैसे कमाने के लिए फोन की स्कीम चलाई उन्हें जितने पैसे की जरूरत थी उतना वह अपने कारोबार से बड़े आराम से कम रहे थे लेकिन लालच के चक्कर में उन्होंने सब कबाड़ा कर दिया था
माडो की कहानी सुनकर यह समझ आता है कि आप दुनिया के सबसे अमीर बन जाने के बाद भी जरूरी नहीं की संतुष्ट हो लेखक की भाषा मैं आपको मालूम होना चाहिए कि आपको असल में एक सुकून भरी जिंदगी जीने के लिए कितने पैसे की जरूरत होती है
Power of compounding
वारेन बुफेट को भले ही अब तक के सबसे महानतम निवेशकों से गिना जाता है मगर सच यह है कि उनके नंबर ऑफिस दी जायदाद 50 साल की उम्र के बाद बनी बक्से के पास इतनी संपत्ति होने का क्रेडिट चाहता है कंपाउंडिंग को
अमीर होने और अमीर बने रहने में बहुत फर्क है।
अमीर होने के बहुत सारे रास्ते हैं मगर अमीर बने रहने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वह है सोच समझकर खर्च करना
बिना सोचे समझे रिस्क नहीं ले
मार्केट में हजारों कंपनियां के शहर मिल रहे हैं मगर इनमें से गिने चुने शहर भी वाकई आपको अमीर बन सकता है बदकिस्मती से इन्हें ढूंढना बहुत मुश्किल है इसके लिए आप इंडेक्स फंड खरीद सकते हैं और काफी हद तक एक औसत मुनाफा कमा सकते हैं जो कुछ नहीं कमाने से तो बेहतरहै।
इतिहास हमेशा खुद को नहीं दोहराता
निवेदक हमेशा बाजार का अनुमान लगाने के लिए इतिहास के पन्ने पलट कर देखता है मगर ऐसा नहीं है इतिहास की परिभाषा में अप्रत्याशित और असामान्य घटनाओं का एक दस्तावेज है अगर आप अप्रत्याशित घटनाओं के दोबारा होने का अनुमान लगा रहे हैं तो इस बेवकूफी ही कहां जाएगा मिसाल के तौर पर अमेरिका हर साल में मंडी का सामना करता है मगर 15 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी वहां मंदिर जैसी कोई चीज नहीं दिखती है।
आत्म मुग्ध होने की जरूरत नहीं है।
दुनिया लगातार बदल रही है आज जो चीज चल रही है वह जरूरी नहीं की आगे भी चलेगी इंडेक्स फंड भी 50 साल पुराने है उस 401 के भी 43 साल पुराना है वेंचर कैपिटल तो 26 साल पहले आया था और बिटकॉइन उसका तो जिक्र भी क्या करना कुल मिलाकर यह समझ जा सकता है कि आज जिस चीज का ट्रेंड है जरूर नहीं के हमेशा वही रहेगा खुद को हमेशा बदलाव के लिए तैयाररखें
पैसे के बदले समय मिलता है
आज हम जो पैसा लगाते हैं उसके पैसिव इनकम जनरेट होती है जो एक समय के बाद आपकी सैलरी से ज्यादा हो सकती है ऐसा होने पर आप आराम से नौकरी छोड़ सकते हैं और जो आपका दिल करना चाहे जो आपका पैशन हो उसे फॉलो कर सकते हैं आपको पैसे के लिए किसी के लिए नौकरी करने की जरूरत नहीं होगी फाइनेंशली फ्री हो गए
संपत्ति वो है जो नजर नहीं आती
अपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि काश में करोड़पति होता मगर असल में उनके कहने का मतलब होता है कि मैं काश एक करोड रुपए खर्च कर पाता लेकिन असल में अगर आपको एक करोड़ मिले और आप उसे पूरी तरह खर्च कर दे तो आपकी आदत आपको जल्दी ही कंगाल भी बन सकती है
तो अगली बार जब आप किसी तो महंगी गाड़ी या महंगे अपार्टमेंट में रहते हुए देखे तो यह जरूर समझ ले कि वह अमीर नहीं बल्कि अमीर होने का दिखावा कर रहे होंगे आप लोगों की अमीरियत तो देख सकते हैं मगर उनके खाते में असल में कितने पड़े हैं आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते इसलिए बेहतर होगा कि किसी का संपत्ति भर देखकर उसे प्रभावित न हो
कोई भी बेवकूफ नहीं है
जब भी आप कोई शेयर खरीदने हैं तो याद रहे कि किसी ने वह शहर बचा है इसका मतलब है कि जब कोई शेयर खरीदने हैं तो आप उसे सस्ता समझ रहे होते हैं मगर दूसरी तरफ वही स्टॉक बेचने वाले के लिए मांगा होता है कुल मिलाकर हम कहना यह चाहते हैं कि लोगों को हमेशा यही लगता है कि वह बढ़िया दिल कर रहे हैं और उसे वक्त के लिए हो सकता है यह अच्छी डील हो भी
मिसाल के तौर पर आज से विश्व साल पहले किसी ने अमेजॉन के शेयर इस लेवल पर वाजिब लगेंगे क्योंकि वह एक ई-कॉमर्स कंपनी के तौर पर अमेजॉन के बिजनेस का अंदाजा लगा रहा होगा
The Psychology Of Money Hindi को हर इंसान को पढ़नी चाहिए जो निवेश करना चाहते हैं या कर रहा है किताब पर्सनल फाइनेंस से लेकर इन्वेस्टिंग तक और फाइनेंशियल डिसीजन तक के बारे में बहुत डिटेल में बताती है हम में से कई लोग पैसे को खुशियों से मापता है मगर किताब इस मानसिकता को सिरे से गलत साबित करती है साथ में पैसो को लेकर कैसा बिहेवियर रखना चाहिए यह भी बताती है कितना भी बुक रिव्यू लिख दिए चाहे मगर मेरा जानना है कि इस किताब की सीख इस पढ़ कर ही समझ आएगी।
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